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22 Jan 2020 · 1 min read

"सपनों की दुनियाँ "

सपनों की दुनियाँ हमारी,हकीकत में बहुत सच्ची थी
तेरी- मेरी बातें,एक-दूजे को लगती सबसे अच्छी थी

जग ने दूर किया तो क्या, रब फिर हमें मिलाएगा
हमारे इश्क़ की गहराई वो, जब जान जाएंगा

मुझे यकीं हैं दिल में,नाम इश्क का आज भी मेरा हैं
तेरे नाम से गहराती निशा,तेरे नाम से मेरा सबेरा हैं

मिलने की मुझसे आस, मन में तेरे जगती तो होगी
ख्यालों में,तेरे रग-रग में,लकीर हाथों में बसती तो होगी

बात करने को मुझसे, मन तेरा भी मचलता तो होगा
फिर जूम करके फोटो,मेरी देख सम्भलता तो होगा

रेखा”कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र

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