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26 Dec 2019 · 1 min read

मुक्तक

क्या हुआ जो लुट गयी है ज़िन्दगानी फिर सही
काम तो आई वतन के ये जवानी फिर सही

फख़्र करता हूँ हमारी हिन्द की है सर ज़मीं
इसकी ख़ुशियाँ हैं तो ख़ुद की शादमानी फिर सही

प्रीतम राठौर भिनगाई

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