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24 Nov 2019 · 1 min read

मुक्तक

१.
तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए
आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए।
~ सिद्धार्थ
२.
तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए
आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए।
~ सिद्धार्थ
र्थ

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