Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Sep 2019 · 1 min read

व्यंग दोहे की शक्ल में

बिना बिके बकवास हे , कलम चले बेकार।
कलम कसाई जब बने ,तब पूजे संसार। 1

कलम चले ईमान पर ,तो भूखे मर जाय।
कलम बिके कोठी बने ,नित प्रतिष्ठा पाय। *2 *

★कलम घिसाई ★
सम्पर्क सूत्र
9414764891

Loading...