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26 Sep 2019 · 1 min read

बेटी के दो पाँव

ठंडी भी गर्मी लगे …..गर्मी मे हो छाँव !
आँगन मे जब भी पड़ें,बेटी के दो पाँव !!

गलती को अपनी स्वयं,किया अगर स्वीकार !
इसे जीत ही मानिए, … .नही समझना हार !!
रमेश शर्मा

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