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12 Aug 2019 · 1 min read

इतनी क्यों याद आती है माँ

जब कभी रूठ जाती है माँ
तो बहुत याद आती है माँ

आंसू रुकते नहीं हैं मिरे
जब मुझे याद आती है माँ

जब मुझे नींद आती नहीं
लोरी गा कर सुलाती है माँ

अपने बच्चों को खुश देखकर
अपना दुःख भूल जाती है माँ

सारा दिन खुश रहें इसलिए
रोज़ हंस कर जगाती है माँ

झूम जाता हूँ खुश हो के में
जब भी सपनों में आती है माँ

काला टीका लगा कर कभी
बद नज़र से बचाती है माँ

सारे दुःख भूल जाता हूँ मैं
सीने से जब लगाती है माँ

मुझको जन्नत का होता गुमां
गोद में जब सुलाती है माँ

मेरी ग़लती पे भी डांट कर
फिर गले से लगाती है माँ

कोई आतिफ़ बताये ज़रा
इतनी क्यों याद आती है माँ

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