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22 May 2019 · 1 min read

#ग़ज़ल-37

ज़िंदगी ज़ोश भर जी लीजिए
प्यार का ज़ाम गर पी लीजिए/1

लोग चाहे कहें कुछ भी तुझे
गौर अपनी रज़ा ही कीजिए/2

चाह हो चाँद भी आए ज़मीं
आइना दिल बना सी लीजिए/3

शौक़ दिल आशियाना ख़ोज़ ले
मौज़ का ये सिला भी लीजिए/4

साथ प्रीतम तिरा हो यूँ लगे
जल मिले तो समझ घी लीजिए/5

-आर.एस.बी.प्रीतम

सर्वाधिकार सुरक्षित..radheys581@gmail.com

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