Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 May 2019 · 1 min read

मेरी कविता माँ

I❤️love❤️ mom
मदर्स-डे की हार्दिक शुभकामनाएँ
ना ही अपनों से खुलता हैं,
ना ही गैरों से खुलता हैं,
ये जन्नत का दरवाज़ा हैं,
जो माँ के पैरों से खुलता हैं।।
✍️✍️
हार्दिक महाजन

Loading...