मुक्तक
वक़्त कैसे दिल दुखाने वाले मंज़र दे गया
ज़िंदगी भर के लिए ग़म का समुंदर दे गया
दोस्ती के अर्थ हम क्या ख़ाक समझाएँ उसे
जो हमारी पीठ में पीछे से ख़ंजर दे गया
वक़्त कैसे दिल दुखाने वाले मंज़र दे गया
ज़िंदगी भर के लिए ग़म का समुंदर दे गया
दोस्ती के अर्थ हम क्या ख़ाक समझाएँ उसे
जो हमारी पीठ में पीछे से ख़ंजर दे गया