मुक्तक
यादों की भीनी खुशबु सांसो में छा रही है ,
है दर्मियां जो दूरी वो मुझको रुला रही है,
मिल कर तुझसे लगता सारा जहाँ है बदला ,
अब तो ये आँखें हर पल सपने सजा रही है”
यादों की भीनी खुशबु सांसो में छा रही है ,
है दर्मियां जो दूरी वो मुझको रुला रही है,
मिल कर तुझसे लगता सारा जहाँ है बदला ,
अब तो ये आँखें हर पल सपने सजा रही है”