Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
23 Feb 2019 · 1 min read

तिले धारू बोला, प्यारी फ्योंळी (रोमान्टिक गढ़वाली गीत)

तिले धारू बोला, प्यारी फ्योंळी
तेरी मुखड़ी यन चमकी, जन या रात जुन्याळी
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

लाखूं-हज़ारूं मा इक तू ही प्यारी
जिन मेरी आँख्यूंका सुपन्या संवारी // १. //
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

तू न मिली त मिल मोर ज्याण
तवे संग मिल या जिन्दगी बिताण // २. //
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

मोरिक भी फ्योंळी हम न बिछड़ला
हैंक जन्म मा फ्योंळी फिर मिलला // ३. //
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

Loading...