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7 Feb 2019 · 1 min read

ऊंची तेरी शान !

ऊंची तेरी शान है , ऊंचा तेरा मान ।
सबके विष को पी लिया,तुमने अपना जान ।।
तुमने अपना जान , ग़ैर को गले लगाया ।
भटके जो भी लोग, सभी को राह दिखाया ।।
कहते श्री कविराय , नहीं की हेरा- फेरी ।
सबके आया काम , शान है ऊंची तेरी ।।

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