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1 Feb 2019 · 1 min read

दिल

वर्ण पिरामिड

है
दिल
डरता
अब मेरा
उस गली में
रहता है जहाँ
वो दिल चोर वहाँ।


हवा
उससे
कह देना
चोरी करना
अच्छा नहीं होता
मेरे दिल बसता।

मैं
तेरी
साजिशों
का निशाना
बनती रही
बेवफा थे तुम
बदनाम हुई मैं।

ना
करे
खुदा भी
कभी भी मैं
तेरे प्यार में
मरीज हो जाऊँ
और आंसू बहाऊँ।

एम के कागदाना
फतेहाबाद हरियाणा

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