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1 Feb 2019 · 1 min read

अमर्यादा

एक अशांत महिला कर्मी
उसके बातों में नही थी नर्मी
शायद कामों की अधिकता से थी परेशान
लोगों की बातों पर नही दे रही थी ध्यान
इसपर ग्राहकों को गुस्सा आया
उल्टी -सीधी बात सुनाया
इतने में बैंक में मची अफरा-तफरी
किसी ने उछाल दी महिला की पगड़ी
महिला हुई शर्मसार
अपनी कर्मों की हुई शिकार।

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