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20 Jan 2019 · 1 min read

काले बादल

मंडरा रहे काले बादल
दे रहे अशुभ आहट
सुना भी है देखा भी है
काले बादलों की काली करतूते
द्वेष, साजिश और कलह से होते परिपूर्ण

काले बादल जाति द्वेष के
काले बादल गुटबाजी और क्लेश के
काले बादल षड्यंत्र के धोतक
काले बादल अपवाहों के मिथक

घिर गया दिन में अंधेरा
अपवाहों षडयंत्रो का रण सजा
गरज रही प्रांगण में रणभेरी
सेनाओं के समक्ष गहरी दुविधा
सभी का अपना स्वार्थ अपनी अपेक्षा

काले बादल कभी मुस्कुरा रहे है
काले बादल कभी गरज रहे है
काले बादल घुमड़ रहे साजे दलबल
किसी का मन भय से हो उठा चंचल
कोई खड़ा निर्भय अटल

काले बादल हमे हटाना है
बन पवन का वेग इसे भगाना है
षडयंत्रो से मुझे भीति नही है
अनीति से प्रीति नही है

बन हिमालय अविचल खड़ा होना होगा
उड़ते अपवाहों को रोकना होगा
साजिशों के शस्त्रों से सजी सेना
सत्य को गंभीर होना होगा।

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