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1 Jan 2019 · 1 min read

या तो मोहब्बत हो जाए या युद्ध

मोहब्बत और युद्ध में मैंने समानता देखी है
जब खत्म होती है तो ख़ामोशी होती हैं
मोहब्बत और युद्ध तब होती हैं
जब खामोशी में आग‌ दहकती‌ है

मोहब्बत आसान है अगर शर्ते मजबूरीया खत्म हो जाये
युद्ध आसान है अगर युद्ध हो जाये
मौत आसान है अगर घाव मे घाव लग जाये
मौत और भी आसान है अगर मोहब्बत हो जाये

इससे आसान तरीका ये हे कि
जी रहें हैं और जीने की अवधि बढ़ जाये
ग़ालिब भी कहते इससे अच्छा मौत आ जाये
यूं मरने से अच्छा मेरी मौत खामोश हो जाये
या तो मोहब्बत हो जाये या युद्ध हो जाये।

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