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5 Dec 2018 · 1 min read

शायरी शौक

सब कहे आदत मुझे बुरी हो गई
शायरी शौक से जिदंगी हो गई

राते उलझी हुई यादो के जाल से
मिले हुए भी हमे इक सदी हो गई

प्यार इक तरफा मेरा इस तरह का
दूर से देखने पर ही बंदगी हो गई

आज सुबह सुबह ही जो देखा तुम्हे
मांगी हुई मुराद पूरी मेरी हो गई

हंस कर तुमने बाते क्या करी मुझसे
सांसे मानो जैसे मेरी पुरी ही हो गई
Mohan Bamniya From Panipat

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