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28 Nov 2018 · 1 min read

एक नशा

नशा चाहे किसी का भी है,
अंत में सबक जरूर दे जाता है।

किसी को अपने बनाने का नशा,
किसी को निचा दिखाने का नशा,
सिर्फ एक साफ आइना दिखा जाता है।

रखना है तो रख जीत का नशा,
आसमानों सी बुलंदियों को छुने का नशा,
जो जीने का मजा दे जाता है।

नशा चाहे किसी का भी है,
अंत में सबक जरूर दे जाता है।

गुरू तुझे भी एक है नशा,
सम्भाल कर रखना ये नशा,
टुटने ना पाए तेरा ये हौंसला,
जिस हौंसले से तुं जिता आ रहा है।

नशा चाहे किसी का भी है,
अंत में सबक जरूर दे जाता है।

गुरू विरक
सिरसा (हरियाणा)

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