Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ
————————

ऐ माँ
तूने ना जाने कितनी दुआऐं मेरे लिये मांगी थी कि,
मेरे हर कदम पे तेरी; तेरी दुआयें साथ चलती हैं ।

मैं गिर पडुं; इससे पहले ही तेरी दुआऐं मुझे थाम लेती हैं।

ऐ माँ
यदि तुझे शब्दों में लिखुं ,
सबसे सुन्दर शब्द है तू,

यदि तुझे गा के पुकारुं ,
सबसे सुन्दर राग है तू

ऐ माँ
तेरे आँचल से बडा आसमाँ भी क्या होगा
रब भी तुझे देख हैरां होता होगा
ऐ माँ
ऐ माँ

सुमित्रा ‘अपराजिता’
मौलिक ‘स्वरचित’ ओड़िसा ‘भूवनेश्वर’

Loading...