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2 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ प्रेम है
माँ अर्थ है
माँ जीवन है
माँ आधार है
जिनके बिना जिंदगी निराधार है
माँ भाव है
माँ ममता है
माँ ज्ञान है
उसके आँखों में ही सारा जहान है
माँ आकार है
माँ परोपकार है
माँ उपकार है
उसके बिना ज़िन्दगी नही साकार है
माँ है तो हम है
माँ है तो क्या ग़म ही
जिनके पास नही है उनकी आँखे नम है
माँ शाम है
माँ सवेरा है
माँ विपदाओं में कड़ा पहरा है
माँ दिलों में रहने वाली याद है
माँ बच्चे की पहली संवाद है
माँ हमारे लिए फरियाद है
माँ घर की मजबूत बुनियाद है

कह रहा ‘सौरभ ‘ अपने दिल सेसबको माँ का साथ हो
कोई भी दुनिया में माँ की ममता के लिए नही अनाथ हो
रचना :-सौरभ सिन्हा
दुमका, झारखण्ड

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