Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
31 Oct 2018 · 2 min read

साथ कौन है?

मैं ढेरों लोगों को जानता हूं
उनमें से कुछ से है मित्रता कुछ से आत्मीय संबंध
कुछ के प्रति दिल मे है सम्मान कुछ जबरदस्ती पाते सम्मान
कुछ को शिष्टाचारवश कुछ को नैतिकतावश करते प्रणाम

बहुत कम लोग हैं ऐसे
जिनसे कतराकर निकल जाने की इच्छा नहीं होती
घर-परिवार काम-धंधे और जीवन यापन में व्यस्त सारे
जहां निज स्वार्थ या फायदे ना हो बंद हैं लोगों के दरवाजे
बहुत कम लोगों के पास है थोड़ा-सा समय
तुम्हारे साथ होने के लिए
शायद ही कोई तैयार होता है
तुम्हारे साथ कुछ खोने के लिए
बाकी सब संग है कुछ पाने के लिए।
चाहे जितना बढ़ जाय तुम्हारे नाम और ख्याति
तुम पाओगे बहुत थोड़े-से लोग हैं ऐसे
स्वाधीन है जिनकी निष्ठा और बुद्धि
स्वार्थ नहीं भरा किसी किस्म का जिनके दिमाग में
जातीय या स्वार्थी सोच से अंधी नहीं हुई जिनकी दृष्टि
जो शामिल नहीं हुए किसी भागमभाग में
बहुत थोड़े-से लोग हैं ऐसे
जो खड़े रहते है
विफलताएं कम नहीं कर पातीं जिनका महत्त्व
जो जानते है सत्य का मर्म
जो कहीं भी हों चुपचाप निभाते हैं अपना धर्म
इने-गिने लोग हैं ऐसे
जैसे एक छोटा-सा टापू है
भीड़ के इस गरजते महासागर में।
और इन बहुत थोड़े-से लोगों के बारे में भी
मिलती हैं शर्मनाक खबरें जो तोड़ती हैं तुम्हें भीतर से
कोई कहता है वह जिंदगी में उठने के लिए गिर रहा है
कोई कहता है वह मुख्यधारा से कट गया है
और फिर चला जाता है बहकती भीड़ की मझधार में
कोई कहता है वह और सामाजिक होना चाहता है
और दूसरे दिन वह सबसे ज्यादा बाजारू हो जाता है
कोई कहता है बड़ी मुश्किल है सरल होने में।
इस तरह इस दुनिया के सबसे विरल लोग
इस दुनिया को बनाने में
कम करते जाते हैं अपना योग
और भी दुर्लभ हो जाते हैं
दुनिया के दुर्लभ लोग।
और कभी कभी
खुद के भी कांपने लगते हैं पैर
मनुष्यता के मोर्चे पर अकेले होते हुए।
सबसे पीड़ाजनक यही है
इन विरल लोगों का और विरल होते जाना।
एक छोटा-सा टापू है मेरा सुख
जो घिर रहा है हर ओर
उफनती हुई बाढ़ से
जिस समय कांप रही है पृथ्वी
मनुष्यों की संख्या के भार से
गायब हो रहे हैं
मनुष्यता के मोर्चे पर लड़ते हुए लोग।

Loading...