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18 Oct 2018 · 1 min read

माँ तुम जग जननी हो ---आर के रस्तोगी

माँ तुम जग जननी हो,सबका करती हो उद्धार
तेरे बिन पत्ता नहीं हिलत,चलती नहीं बयार

माँ तेरा एक रूप नहीं,अनेक है तेरे रूप स्वरूप
हर रूप है तेरा निराला,जैसे सूरज की है धुप

लक्ष्मी भी तुम हो,गोरी भी तुम हो,दुर्गा बनकर तुम भी आती
सरस्वती भी तुम हो,गौरी भी तुम हो,काली मैया भी कहलाती

तेरे दर पर जो भी जाता,खाली हाथ कभी नहीं आता
खाली हाथ बंदा जाता, तेरे दर से झोली भर कर लाता

अमीर गरीब सभी जाते तेरे दर पर सबको एक सा निहारती
बिगड़ी बनाने वाली,मन को हरषाने वाली बिगड़े काम सवारती

मेरा बिगड़ा काम सवारे मैया जब तू, तेरे दरबार में आऊंगा
मै खुद ही नहीं,परिवार के साथ तेरे दर्शन हमेशा करने आऊंगा

आर के रस्तोगी

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