आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
शाख़ ए गुल छेड़ कर तुम, चल दिए हो फिर कहां ,
मैं दिन-ब-दिन घटती जा रही हूँ
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
मौन मंजिल मिली औ सफ़र मौन है ।
खुद से है दूरी मीलो की...
रावण दहन हुआ पर बहराइच में रावण पुनः दिखा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जीव जीवन में है परमेश्वर वास
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*