Paiso se pyar hai
कल तक जो हमारी बाहों में सिमटे रहते थे आज उन्हें हमारे छूने पर ऐतराज हो गया,
कल तक जो हमारी बाहों में सिमटे रहते थे उन्हें आज हमारे छूने पर ऐतराज हो गया,
एतराज होना तो लाजमी था दोस्तों, कल तक मोहब्बत थी हमसे और आज उन्हें पैसों से प्यार हो गया।
सिद्धार्थ प्रशांत