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5 Nov 2024 08:03 PM

Behtareen book

5 Nov 2024 08:03 PM

Prerak,,, Salute

31 Jul 2024 07:39 AM

Aapne ak shandar upnyas likha h, yah niti nirdharkon ki aankhen kholne ke liye paryapt hai,, aap par kisanon ko naaj hai,,, Congratulations,,, Super,,, Grand Salute ,,,

4 Aug 2023 09:12 PM

अति सुन्दर सर जी

4 Aug 2023 08:02 PM

बहुत शानदार रचना सर, हार्दिक बधाई

उम्दा रचना, बहुत बहुत बधाई सर

4 Aug 2023 02:52 PM

बेहतरीन कृति

कोई भी देश हो बिना किसान के जीवन की कल्पना ही नही कर सकती है। ये हकीकत जानते हुए भी किसानों की दुर्दशा दिन ब दिन खराब होती जा रही है। यह एक सुनियोजित कार्यक्रम की तरह लगती है। कि हमारे देश के धनाढ्य लोग जिन्होंने शासकों पर कब्जा जमा रखा है वे कभी भी किसानों की स्थिति समान्य नही होने देना चाहते हैं। जिससे की एक दिन विवश होकर किसान इन्ही धनाढ्य लोगो को अपना जमीन लीज पर देने के मजबूर होना पड़े।
आपने अन्नदाता की दुःख पीड़ा को अपने लेखनी में जगह देकर एक खूबसूरत उपन्यास का रूप दिया इसके लिए सादर बधाई आपको…आपकी कलम इसी तरह असहाय लोगों की लाठी बनकर उन्हें सबल प्रदान करती रहे…इसी आशा और विश्वास के साथ आपको पुनः बधाई…

4 Aug 2023 07:45 AM

किसान देश की पालन हार है परंतु वर्तमान समय में किसान खुद बहुत मुश्किल में अपना जीवन यापन कर अपने परिवार तथा देश को पाल रहा है। किसान को उनके मेहनत का उचित मूल्य नही मिल रहा है खाद बीज इतना मंहगा होगा की किसान खेती करने के लिए बैंक से कर्ज लेकर खेती कर रहा है। उन्हे उचित मूल्य नही मिलने से किसान आज आत्महत्या कर रहा है।
बहुत सुन्दर रचना आदरणीय सर

4 Aug 2023 07:07 AM

किस स्थिती में एक किसान अन्न उपजाता है, पहले इसको समझना चाहिए, उनकी दुःख पीड़ा को जब हम समझ ही नहीं पाएंगे तो कैसे जानेंगे अन्नदाता की दुःख पीड़ा, जिम्मेदार व्यवस्था समिति को प्रत्येक ब्लाक में एक कृषि विद्यालय खोलना चाहिए जिससे कृषक परिवार के बच्चों को उन्नत तरीके से कृषि कार्य अनवरत रूप से माटी की सेवा पूजा करते हुए करते रहें, तब उनके जरूरतों को करीब से महसूस कर सकते हैं

29 Jul 2023 10:16 PM

इस उपन्यास में अकाल पड़ने पर किसानों की स्थिति का वास्तविक जमीनी हकीकत का चित्रण किया गया है । साथ ही समाज में फैले छुआछूत,दादागिरी,दबंगई के बारे में भी सुक्ष्मता से हकीकत का चित्रण किया गया है।किसान से नेता बनकर किसानों की स्थिति हालत को प्रदेश सरकार को अवगत कराना भी बताया गया है।अधिकारी कर्मचारी लोग एक गरीब किसान के पास कैसे निम्न बरताव करते है इसका भी वर्णन किया गया कुलमिलाकर यह उपन्यास बहुत ही मार्मिक है।इसके लिए उपन्यासकार बहुत बहुत बधाई के पात्र हैं। इस उपन्यास को विश्वविद्यालय में पठन पाठन के लिए चयनित किया जाना चाहिए ताकि हर पीढ़ी के बच्चो को आर्थिक व सामाजिक ज्ञान हो

23 Jul 2023 03:02 PM

Gazab,👌👌👌👌👌👌👌💐💐🎂🎂👍👍💝💝💝💝💝

27 Apr 2023 02:57 PM

Bahut khub💐🎉

7 Apr 2023 10:50 AM

At current topic very interesting novel… Salute to writer

5 Apr 2023 07:23 PM

पूरा उपन्यास यथार्थ के धरातल पर लिखा गया प्रतीत होता है। सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देकर समाधान हेतु शीघ्र ठोस कदम उठाना चाहिए, क्योंकि अन्नदाता तो किसान ही हैं। इस पृष्ठभूमि में लिखा गया यह प्रथम उपन्यास लगता है। कुल मिलाकर “दुर्दशा” एक बेहतरीन उपन्यास है।👌👌👌👌👌💐💐

आज कृषक आत्महत्या विश्वव्यापी समस्या बन गई है। हार्दिक धन्यवाद…👍👍💐🎂🎂

3 Apr 2023 09:46 PM

कृषकों की आत्महत्या पर आधारित ज्वलन्त उपन्यास…पढ़ने में मजा आ गया…👌👌👌👌👌🎂🎂🎂🎂🎂

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