Comments (4)
24 Dec 2021 07:30 PM
रजक जी सादर अभिवादन, आपने परमपिता परमेश्वर की अलोकिक क्रियाओं का उल्लेख किया है, ईश्वर की लीला का कोई पारा वार नहीं है, मैं आज कल दक्षिण भारत में हूं, और उसके चमत्कार को अंदर से महसूस कर रहा हूं! प्रकृति ने नारियल के अंदर एक पतले से पेड़ पर इतना पानी कैसे भर लिया! और वही नारियल उत्तर भारत में पूजा पाठ में काम आता है तो यहां प्यास बुझाने में उपयोगी!इसकी अन्य विशेषताएं भी हैं, जो बताई गई है! पर मेरे लिए तो यह प्रभु की लीला ही है!
Phoolchandra Rajak
Author
24 Dec 2021 09:02 PM
बहुत सुंदर बहुत बहुत आभार आपका जी।सर जी आपसे निवेदन है कि आप अपना मोबाइल नंबर जरुर लिखे मैं आपसे बात करना चाहता हूं धन्यवाद आपका जी।
24 Dec 2021 03:02 PM
अति सुन्दर रचना
आपको सादर नमस्कार ?