Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2021 · 1 min read

दुनिया के रचनाकार।

ये दुनिया के रचनाकार। तुम्हें नमस्कार है, तुम्हें नमस्कार है।सौ सौ बार————-तेरी ये अद्भुत रचना। कोई पाये न नजर से बचना।तुम्हे नमस्कार है, तुम्हें नमस्कार है—-सौ सौ बार—-++एक फूल के कई रंग बनाये। कैसी कैसी कला से सजाये। वर्णन न कर पाये ये धरती का कलमकार। ये दुनिया के रचनाकार, ये दुनिया के रचनाकार।तुम्हे नमस्कार है तुम्हें नमस्कार। कैसे रचा है ब्रह्मांड निकाया। कहीं धूप है कहीं छाया। हमेशा चलती है, वर्तनी तुम्हार।ये दुनिया के रचनाकार , तुम्हें नमस्कार है तुम्हें नमस्कार।कितनी कितनी हो रहीं हैं, खोजें अरम्पार।तुम्हे जानने की कोशिश में लगा हुआ संसार।ये दुनिया के रचनाकार, तुम्हें नमस्कार है तुम्हें नमस्कार है। कोई काम करें , कोई न करें पेट सभी का भरते हैं।बिना किसी कागज के हिसाब सभी का रखते हैं।बनते हैं सभी जीवों के पालनहार। ये दुनिया के रचनाकार, तुम्हें नमस्कार है तुम्हें नमस्कार।

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 4 Comments · 500 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
VINOD CHAUHAN
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
Kanchan Khanna
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
हम कुर्वतों में कब तक दिल बहलाते
हम कुर्वतों में कब तक दिल बहलाते
AmanTv Editor In Chief
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
जीवन उद्देश्य
जीवन उद्देश्य
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
* याद कर लें *
* याद कर लें *
surenderpal vaidya
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
"रात का मिलन"
Ekta chitrangini
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
Keshav kishor Kumar
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
Rj Anand Prajapati
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
*बादल दोस्त हमारा (बाल कविता)*
*बादल दोस्त हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
युग प्रवर्तक नारी!
युग प्रवर्तक नारी!
कविता झा ‘गीत’
इन्सानियत
इन्सानियत
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#दोहा...
#दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
Dr Archana Gupta
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
Vishal babu (vishu)
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
गीतिका/ग़ज़ल
गीतिका/ग़ज़ल
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
* गूगल वूगल *
* गूगल वूगल *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3170.*पूर्णिका*
3170.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जरा सोचो"
Dr. Kishan tandon kranti
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...