Comments (11)
4 Sep 2021 09:06 PM
आजकल की स्थिति का सही वर्णन,
सुन्दर प्रस्तुति
ओनिका सेतिया 'अनु '
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5 Sep 2021 12:13 AM
धन्यवाद जी
4 Sep 2021 04:00 PM
यदि दादा जी और दादी जी को याद करे। तो जमाना तो अब धरती मे समाने को त्यार है उनकी याद दिला दी आप ने । बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी है आप ने।
ओनिका सेतिया 'अनु '
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4 Sep 2021 04:07 PM
धन्यवाद जी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
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4 Sep 2021 03:55 PM
धन्यवाद सभी मित्रों को ??
4 Sep 2021 03:35 PM
जी बहुत खूब लिखा
4 Sep 2021 03:33 PM
Wow..Very nice poem ..
4 Sep 2021 01:42 PM
यथोचित विवेचन आपका
4 Sep 2021 01:32 PM
बहुत सही कहा आपने आपको सादर अभिवादन।
जरा विचार कीजिये जिस जमाने में बुजुर्ग कहते थे जमाना खराब है आज के बुजुर्ग उस जमाने के बच्चे थे। जो हमे तब नही करने दिया वो हमने अब किया और देखा देखी हमारे बच्चों ने एक कदम आगे की सोच रखी। हमने पुराने बुजुर्गों की तुलना में टोकन उचित नही समझा। इसलिए जो हो रहा है वो सब हमारी नादानी है न कि नई पीढ़ी की।
सत्य वचन धन्यवाद जी