Comments (9)
23 Jul 2021 08:06 PM
बहुत सुंदर
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
23 Jul 2021 08:22 PM
धन्यवाद जी
23 Jul 2021 07:36 PM
दिल-ए-नादान का क्या क़सूर है ,
इश्क़ में क़ुर्बान होना आश़िक़ी का दस्तूर है, ,
ग़र वफ़ा निभाए भी तो चाहत पर आश़िक का क्या इख़्तियार ,
जब फ़ितरत -ए- माश़ूक को बावफा होना नामंजूर है ,
श़ुक्रिया !
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
23 Jul 2021 07:50 PM
बहुत खूब ,धन्यवाद जी
23 Jul 2021 07:23 PM
Ati sunder
23 Jul 2021 05:49 PM
वाह वाह बहुत खूब
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
23 Jul 2021 06:07 PM
धन्यवाद जी
उत्तम रचना
धन्यवाद जी