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सुन्दर रचना

धन्यवाद जी

2 Jun 2021 02:16 PM

मजबूरी बन गई जो कभी ताकत हुआ करती थी -कलम (सत्य वचन)

धन्यवाद जी

महोदया..
उनके अश्क़.. उसके अश्क़ नहीं !
पोछें.. पोंछा नहीं !
मुहब्बत या मोहब्बत.. मुहोबत नहीं !
क्या करें.. क्या करे नहीं !
–शेष बेहतर प्रस्तुति ।
इसे अन्यथा नहीं लेंगे, सादर कृपया।

धन्यवाद जी

बहुत सुंदर

धन्यवाद जी

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