Comments (8)
2 Jun 2021 02:16 PM
मजबूरी बन गई जो कभी ताकत हुआ करती थी -कलम (सत्य वचन)
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
2 Jun 2021 03:21 PM
धन्यवाद जी
2 Jun 2021 10:40 AM
महोदया..
उनके अश्क़.. उसके अश्क़ नहीं !
पोछें.. पोंछा नहीं !
मुहब्बत या मोहब्बत.. मुहोबत नहीं !
क्या करें.. क्या करे नहीं !
–शेष बेहतर प्रस्तुति ।
इसे अन्यथा नहीं लेंगे, सादर कृपया।
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
2 Jun 2021 11:33 AM
धन्यवाद जी
1 Jun 2021 10:29 PM
बहुत सुंदर
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
2 Jun 2021 06:28 AM
धन्यवाद जी
सुन्दर रचना
धन्यवाद जी