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12 Sep 2020 12:29 AM

मां, भगवान के समतुल्य है, ऐसा मेरा ही मानना नहीं है, अपितु बहुत से बुद्धि जीवी , महापुरुषों ने भी मां को ईश्वर से कम नहीं आंका है, और इसी कड़ी में आपने मां को जो सम्मान दिया है, वह निश्चय ही प्रशंसनीय है,वह भी तब जब हम जैसे लोग जो स्वयं इस अवस्था में है जहां पर हम ही मां-बाप से आगे बढ़ कर दादा,दादी,नाना नानी,का स्थान पा चुके हैं, फिर भी हमारी स्मृति में मां-पिता बरबस याद आ जाते हैं,सादर प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी।

आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर

उत्कृष्ट सृजन किया आपने बहुत सुंदर भाव

आपका हृदय से आभार धन्यवाद

11 Sep 2020 09:39 AM

शत् प्रतिशत सत्य है
प्रणाम !

आपको सादर प्रणाम धन्यवाद

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