Comments (7)
22 Jun 2020 08:40 AM
वाह
19 Jun 2020 07:49 AM
अति सुन्दर, मनुष्य योनि सारे पाप धुलने के बाद मिलते है। इसलिए इस उत्तम उपहार को युंही न त्याग करें ।सचेत करने वाली प्रस्तुति ।
धन्यवाद!
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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19 Jun 2020 07:56 AM
नमस्कार धन्यवाद आपका
19 Jun 2020 07:34 AM
अतिसुंदर भावयुक्त संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
इस जहाँँ से आगे और भी जहाँँ हैं ।
इस जहाँँ में ज़िंदा खुशी की रोशनियाँ हैं ।
तो उस जहाँ मे खौफ़ का सन्नाटा और तारीकियाँ है।
उस जहाँँ में पहुंचकर ऱुह सुकुँ न पाएगी।
बेचैन भटकेगी अपने किए पर पछताएगी।
श़ुक्रिया !
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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19 Jun 2020 08:01 AM
आपकी पंत्तियां प्रेरणा दाती है आपको सादर प्रणाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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19 Jun 2020 05:44 AM
श्रीमान जी मानव शरीर अमूल्य है,इसे किसी भी आवेश में आकर न गंवाएं
मार्मिक चित्रण