सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
19 Jun 2020 08:01 AM
आपकी पंत्तियां प्रेरणा दाती है आपको सादर प्रणाम
अतिसुंदर भावयुक्त संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
इस जहाँँ से आगे और भी जहाँँ हैं ।
इस जहाँँ में ज़िंदा खुशी की रोशनियाँ हैं ।
तो उस जहाँ मे खौफ़ का सन्नाटा और तारीकियाँ है।
उस जहाँँ में पहुंचकर ऱुह सुकुँ न पाएगी।
बेचैन भटकेगी अपने किए पर पछताएगी।
श़ुक्रिया !