Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

अतिसुंदर भावयुक्त संदेशपूर्ण प्रस्तुति।

इस जहाँँ से आगे और भी जहाँँ हैं ।
इस जहाँँ में ज़िंदा खुशी की रोशनियाँ हैं ।
तो उस जहाँ मे खौफ़ का सन्नाटा और तारीकियाँ है।
उस जहाँँ में पहुंचकर ऱुह सुकुँ न पाएगी।
बेचैन भटकेगी अपने किए पर पछताएगी।

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

आपकी पंत्तियां प्रेरणा दाती है आपको सादर प्रणाम

Loading...