हार्दिक आभार आपका, प्रेम अभिव्यक्ति के बदलते स्वरूप पर ये रचना की गई है, मेरा मकसद है प्रेम के वास्तविक स्वरूप पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराऊँ, माता धरती तो सदा ही वंदनीय रहेगी, बस हमें अपने आचरण को आलौकिक प्रेम की दिशा में अग्रसर करना है।
हार्दिक आभार आपका, प्रेम अभिव्यक्ति के बदलते स्वरूप पर ये रचना की गई है, मेरा मकसद है प्रेम के वास्तविक स्वरूप पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराऊँ,
माता धरती तो सदा ही वंदनीय रहेगी, बस हमें अपने आचरण को आलौकिक प्रेम की दिशा में अग्रसर करना है।