सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
8 Oct 2020 11:08 AM
बहुत सुंदर सर नमस्कार धन्यवाद सर
अपने दाम़न के दाग़ों को देखते नहीं,
ग़ैरों के ग़िरेबाँँ में झांकते हैं ,
खुद का आश़ियाना जल रहा ,
गैरों के आश़ियाने की फ़िक्र करते हैं ,
श़ुक्रिया !