आदरणीय उनियाल साहिब सादर प्रणाम, आपका विष्लेषण सटीक है,आज के नेताओं ने सेवा को निजी स्वार्थों में बदल लिया है, सेवा अब ब्यापार बन गई है, सिद्धांत नीतियों से कोई सरोकार नहीं है, सत्ता एवं आधिकारों के लिए लोकेषणा है। आप बुद्धिमान हैं,समय के साथ राजनीति का स्तर बहुत गिर गया है।
आदरणीय उनियाल साहिब सादर प्रणाम, आपका विष्लेषण सटीक है,आज के नेताओं ने सेवा को निजी स्वार्थों में बदल लिया है, सेवा अब ब्यापार बन गई है, सिद्धांत नीतियों से कोई सरोकार नहीं है, सत्ता एवं आधिकारों के लिए लोकेषणा है। आप बुद्धिमान हैं,समय के साथ राजनीति का स्तर बहुत गिर गया है।