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Maa hi tin lok ki data maa ke bina kuch nhi bata ek maa hi to he har pal rahti jab chot lge aah me maa rahti maa ko jau me balhari karaj chukau kese tera fir se janam do maa ek bari namn tere har dukh ko maa sab sukh mere arpan kiya maa hi to mera kavach he maa ke liye ye dil bi savach he suresh dabur ki ye asha maa ki samjo sab paribhasha
बहुत ही सर्वोत्म विषय..?????
धन्यवाद।
Very nice poetry mam
25 वोट के बाद कविता को एडीटिंग कर सकते हैं क्या प्ल्ज़ उत्तर दे
जी। कर सकते हैं।
बहुत सुंदर विषय” मां” कृपया रचना पोस्ट करने का आप्शन बताएं। पोस्ट कहां पर करें ?
प्रतियोगिता सम्बंधित सभी जानकारी ऊपर लेख में दी गई है। धन्यवाद।
सुन्दर आयोजन । सर पोस्ट को edit करने पर मिले पुराने वोट दिखाई नहीं देते , क्या वो गिने नहीं जाऐगे ?
आपको किसने वोट दिया यह आप नोटिफिकेशन्स में देख सकते हैं।
धन्यवाद जी
वाह एक सुंदर प्रतियोगिता…………………..
आपका स्वागत है
प्रथम काव्य संग्रह “बेटियॉ” के बाद का दूसरा प्रयास “मॉ” काव्य संग्रह के लिए साहित्यपीडिया टीम को बहुत-बहुत अग्रिम हार्दिक अशेष शुभकामनाएं….
धन्यवाद।
सहित्यपिडिया का ये सराहनीय पहल है ,पिछले साल बेटियां प्रतियोगिता में मुझे 24वां स्थान मिला था ,बहुत खुशी हुई थी ,इस बार भी प्रतियोगिता में भाग लूंगा
धन्यवाद
पियुष राज
आपका स्वागत है
साहित्यपिडिया का विनम्र आभार प्रकट करता हूँ, की अपने सभी प्रतियोगी, एवम इच्छुक सदस्यों के गुणों को परखने एवं उनको उचित मार्गदर्शन करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं (नवनीत पाण्डेय) हिंदी सहित्यपिडिया का आभर प्रकट करता हूँ, मैं भी इस प्रतियोगिता में आत्मदृढ़ रूप से भाग लूँगा, आप सभी बड़े बुजूर्गों का आशीष स्नेह मिलता रहे,जय माता दी
आपका स्वागत है
दो दो,तीन तीन शब्दों की अगर पंक्तियाँ हो तो अधिकतम पंक्तियों की सीमा में छूट मिल सकती है क्या?
रचना में 20 पंक्तियों से अधिक नहीं होनी चाहिये। अगर आपकी पंक्तियाँ कम शब्दों की हैं तो उन्हें एक ही पंक्ति में लिख सकते हैं।
बहुत सुन्दर आयोजन
आपका स्वागत है
वाह! एक नए अनुभूति के लिए मैं भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु तत्प्रय हुँ।।
आपका स्वागत है
वाह एक सुंदर प्रतियोगिता।।
आपका स्वागत है
Sahityapedia द्वारा ये competition आयोजित किया गया है सुनकर काफी अच्छा लग रहा है , बस अब यही ििइंतज़ार है कि बस participate कर सके ।
आपका बहुत स्वागत है। सिर्फ 3 दिन शेष हैं इंतजार खत्म होने में।
बेटियां प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाने का मलाला अब तक रहा बहुत समय से प्रतिक्षारत था इस तरह के आयोज के लिए. अब वह मलाला भी दूर होगा और शायद पुनः आप साहित्यिक मनीषियों से मिलने का मौका भी प्राप्त हो…इस प्रतियोगिता में अवश्य भाग लेंगे। साहित्यपिडीया के संस्थापक आद. अभिनव जी एवं आद. अर्चना मैम को सादर नमन….सान्दार पहल, सभी कलाकारों को सफलता की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं।
आपका स्वागत है आदरणीय
वाह! बहुत बढ़िया पुरुस्कार का तो पता नहीं, किंतु भाग ज़रूर लेंगे,?
आपका स्वागत है आदरणीया।
हम भी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते है
कृपया इसकी प्रक्रिया से अवगत कराएं
प्रतियोगिता सम्बंधित सभी जानकारी ऊपर लेख में दी गई है।
धन्यवाद।
सादर धन्यवाद आपको
बहुत ही अच्छा मंच है जहां मां जैसी देवी पर अपने विचार कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है ।
साहित्यपीडिया में आपका स्वागत है।