Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2024 · 1 min read

11. O Rumour !

O Rumour! When you are afloat,
Walls get ears and winds tongue,
Words do sail like a speed boat.
Truth is butchered in a harangue.

Truth implores to be heard raptly.
But all follies then go overboard.
Without giving a damn patiently,
Mob lynches innocence on board.

When the blood thirst is quenched,
Not a single heart finally does melt.
As the life of innocence is wrenched,
Is there anything for folly to repent?

Language: English
Tag: Poem
106 Views
Books from Ahtesham Ahmad
View all

You may also like these posts

याद सताय
याद सताय
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
Akash Agam
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
gurudeenverma198
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
डॉ. दीपक बवेजा
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Wakt hi wakt ko batt  raha,
Wakt hi wakt ko batt raha,
Sakshi Tripathi
करवा चौथ
करवा चौथ
Sudhir srivastava
होता क्या है
होता क्या है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हाँ मेरी  जरुरत  हो  तुम।
हाँ मेरी जरुरत हो तुम।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
रक्षा बंधन पर्व
रक्षा बंधन पर्व
Neeraj kumar Soni
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
हिंदी दोहे- कलंक
हिंदी दोहे- कलंक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
खरी खरी विज्ञान भरी
खरी खरी विज्ञान भरी
Anil Kumar Mishra
दिल में बसाना नहीं चाहता
दिल में बसाना नहीं चाहता
Ramji Tiwari
मन की पीड़ा क
मन की पीड़ा क
Neeraj Agarwal
"विचार निजी व मौलिक ही नहीं, नवीन भी होने चाहिए। कहे-कहाए, स
*प्रणय*
💐प्रेम कौतुक-562💐
💐प्रेम कौतुक-562💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
Keshav kishor Kumar
काफ़ी कुछ लिखकर मिटा दिया गया ;
काफ़ी कुछ लिखकर मिटा दिया गया ;
ओसमणी साहू 'ओश'
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
गुमनाम 'बाबा'
कौन हुँ मैं?
कौन हुँ मैं?
TARAN VERMA
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
Shweta Soni
कैसे कहे
कैसे कहे
Dr. Mahesh Kumawat
यक्षिणी- 26
यक्षिणी- 26
Dr MusafiR BaithA
" महत्वाकांक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
गमन जगत से जीव का,
गमन जगत से जीव का,
sushil sarna
Loading...