Nसुनो! बस मेरा प्यार तुम
मेरा रूप शृंगार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम।
पकड़ हाथ मेरा दिलासा दिलाकर।
कभी नैन से नैन तुम भी मिलाकर।
कहो मुझसे इक बार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम
मुझे सँग तुम्हारे सदा बहते जाना।
जहाँ तुम वहीं पर है मेरा ठिकाना।
नदी हूँ मेरी धार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम।
बना तुमने दिल में लिया जब मेरे घर।
तुम्हीं से बहारें तुम्हीं से खुशी हर।
मेरा पूर्ण संसार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम।
तुम्हें तुमसे ज्यादा मैं पहचानती हूँ।
बिना कुछ कहे बात हर जानती हूँ।
खबर मैं तो अखबार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम।
तुम्हीं देवता हो तुम्हीं अर्चना हो।
तुम्हीं मंत्र सारे तुम्हीं वंदना हो।
पुजारन मैं करतार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम।
अगर बाँट आपस में लेंगे सभी गम।
सभी मुश्किलें पार कर लेंगे फिर हम।
मैं नौका, हो पतवार तुम।
सुनो! बस मेरा प्यार तुम।
25-11-2021
डॉ अर्चना गुप्ता