Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2022 · 1 min read

My Expressions

Conscience of guilt always haunts the guilty throughout his life till end.

Language: English
Tag: Quotation
287 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
"हिंदी साहित्य रत्न सम्मान - 2024" से रूपेश को नवाज़ा गया'
रुपेश कुमार
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
"ज्ञान"
Aarti sirsat
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विदाई
विदाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
भूख का कर्ज
भूख का कर्ज
Sudhir srivastava
गलतफहमी
गलतफहमी
Sanjay ' शून्य'
“समझा करो”
“समझा करो”
ओसमणी साहू 'ओश'
हमारी जुदाई मानो
हमारी जुदाई मानो
हिमांशु Kulshrestha
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
करोगे श्रम मनुज जितना
करोगे श्रम मनुज जितना
लक्ष्मी सिंह
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाहे गरदन उड़ा दें...
चाहे गरदन उड़ा दें...
अरशद रसूल बदायूंनी
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मोहब्बत का पैगाम
मोहब्बत का पैगाम
Ritu Asooja
*पीता और पिलाता है*
*पीता और पिलाता है*
Dushyant Kumar
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रेम सिर्फ आश्वासन नहीं देता बल्कि उन्हें पूर्णता भी देता ह
प्रेम सिर्फ आश्वासन नहीं देता बल्कि उन्हें पूर्णता भी देता ह
पूर्वार्थ
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
दुआएं
दुआएं
Santosh Shrivastava
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
फिर से लौटना चाहता हूं उसी दौर में,
फिर से लौटना चाहता हूं उसी दौर में,
Ranjeet kumar patre
Loading...