Mushaakil musaddas saalim
Mushaakil musaddas saalim
faa’ilaatun mufaa’iilun mufaa’iilun 2122 1222 1222
ये खुदा किश्तों में तक़दीर लिखता है
बाद मुद्दत उसे जागीर लिखता है
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चाहे कोई गरम कुछ कोई ठंडा यूं
मांग के मान वो तासीर लिखता है
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साथ चल भाँप लेते हैं हवा का रुख
नाम पर वक़्त जब कश्मीर लिखता है
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हो जिसे बस अँधेरा खौफ जीवन भर
ये खुदा ही समझ तनवीर लिखता है
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हम थे आवेग से पाने जिसे आतुर
ये ज़माना हमे आधीर लिखता है
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दर्द का कोना – कोना नाप ले जीता
वो ख़लाओ तेरी तहरीर लिखता है
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वक्त से पहले छेड़ेगा जमाना ये
ता-क़यामत मिलो तदबीर लिखता है
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सुशील यादव
29.3.24.