आज मैंने खुद से मिलाया है खुदको !!
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
बढ़ती इच्छाएं ही फिजूल खर्च को जन्म देती है।
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
❤बिना मतलब के जो बात करते है
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
यह हिन्दुस्तान हमारा है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
People will chase you in 3 conditions
*जिन-जिन से संबंध जुड़े जो, प्रभु जी मधुर बनाना (गीत)*
अरे कुछ हो न हो पर मुझको कुछ तो बात लगती है