चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
संवेदनशीलता,सहानुभूति,समानता,समरसता,सहिष्णुता, सत्यनिष्ठा,सं
एक पल को न सुकून है दिल को।
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ख्यालों के महफ़िलों में एक सपना देखा था,
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
जीवन के हर चरण में,
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
तेरी याद.....!
singh kunwar sarvendra vikram
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।