आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
जब किनारे दिखाई देते हैं !
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
*सिवा तेरे सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
मज़दूर कर रहे काम, कोयलों की खानों में,
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
48...Ramal musamman saalim ::