Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2024 · 1 min read

“Looking up at the stars, I know quite well

“Looking up at the stars, I know quite well
That, for all they care, I can go to hell,
But on earth indifference is the least
We have to dread from man or beast.

How should we like it were stars to burn
With a passion for us we could not return?
If equally affection cannot be,
Let the more loving one be me.

Admirer as I think I am
Of stars that do not give a damn,
I cannot, now I see them, say
I missed one terribly all day.

Were all stars to disappear or die,
I should learn to look at an empty sky
And feel its total dark sublime
Though this might take me a little time.”

102 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय*
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
चिंतन करत मन भाग्य का
चिंतन करत मन भाग्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नुकसान हो या मुनाफा हो
नुकसान हो या मुनाफा हो
Manoj Mahato
नयी नवेली
नयी नवेली
Ritu Asooja
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
Arvind trivedi
सपनें अधूरे हों तो
सपनें अधूरे हों तो
Sonam Puneet Dubey
मेहनत करो और खुश रहो
मेहनत करो और खुश रहो
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
अक्स आंखों में तेरी है प्यार है जज्बात में। हर तरफ है जिक्र में तू,हर ज़ुबां की बात में।
अक्स आंखों में तेरी है प्यार है जज्बात में। हर तरफ है जिक्र में तू,हर ज़ुबां की बात में।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं(मुक्तक )
हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं(मुक्तक )
Ravi Prakash
याचना
याचना
Suryakant Dwivedi
कल जो रहते थे सड़क पर
कल जो रहते थे सड़क पर
Meera Thakur
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
पूर्वार्थ
*देश भक्ति देश प्रेम*
*देश भक्ति देश प्रेम*
Harminder Kaur
"शान्ति-पथ"
Dr. Kishan tandon kranti
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
इश्क की कीमत
इश्क की कीमत
Mangilal 713
जो भी पाना है उसको खोना है
जो भी पाना है उसको खोना है
Shweta Soni
कितने आसान थे सम्झने में
कितने आसान थे सम्झने में
Dr fauzia Naseem shad
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
कौन किसी को बेवजह ,
कौन किसी को बेवजह ,
sushil sarna
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते
लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते
Ajit Kumar "Karn"
4727.*पूर्णिका*
4727.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
ज़िंदगी की सिलवटें
ज़िंदगी की सिलवटें
Dr. Rajeev Jain
Loading...