Language: Hindi
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आज असंवेदनाओं का संसार देखा।
Manisha Manjari
कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं
Manisha Manjari
इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
Manisha Manjari
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
निःशब्दता हीं, जीवन का सार होता है......
Manisha Manjari
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी.......
Manisha Manjari
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है....
Manisha Manjari
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं....
Manisha Manjari
फ़ितरत
Manisha Manjari
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
Manisha Manjari
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए..
Manisha Manjari
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही..
Manisha Manjari
मसान.....
Manisha Manjari
संघर्षशीलता की दरकार है।
Manisha Manjari
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
ये तलाश सत्य की।
Manisha Manjari
हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है,
Manisha Manjari
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
Manisha Manjari
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
नववर्ष।
Manisha Manjari
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
सवाल
Manisha Manjari
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
Manisha Manjari
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
Manisha Manjari
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
Manisha Manjari
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari