जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
हे अंजनी सुत हनुमान जी भजन अरविंद भारद्वाज
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
रोज हमको सताना गलत बात है
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''