मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
*मरने से क्यों डरते हो तुम, यह तन नश्वर है माया है (राधेश्या
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
कह रहे हैं मैं बुरी हूँ लेकिन
रक्त रंजित सा दिखा वो, बादलों की ओट से।
ट्विन फ्लेम्स,सोलमेट्स, कार्मिक : तंत्र की आड़ में पनपता हुआ नया धंधा (Twin Flames, Soulmates, Karmics: A new Business Flourishing under the Guise of Tantra)
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक