Ikrar or ijhaar
निगाहें बयान करती है और लेकिन इकरार नही करती है,
वो प्यार तो करती है, लेकिन इजहार नहीं करती है।
मुझे उसकी यही अदा पसंद आती है,
लेकिन कहीं ना कही दर्द भी दे जाति है।
बस यही सोचकर अपने दिल को समझा लेता हूँ की,
आज नहीं तो कल वो इकरार भी कर लेगी और इजहार भी कर लेगी।