II मां II
मां को समर्पित—-
डांटती है कभी मनाती है l
तल्ख बातों में प्यार शामिल हैll
आज सबकुछ मेरा दिया तुझको l
कौन कहता करार शामिल है ll
मां ने तुमको बड़ा किया फिर भी l
छोटे रहने में प्यार शामिल है ll
कर्ज तू कैसे चुकाएगा उसका l
अपनेपन का उधार शामिल है ll
घर की चीजे अभी सभी की हो l
उनमें आज तेरा प्यार शामिल है ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l